(EV policy) उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) रोडमैप में बड़ा बदलाव किया है। नई नीति अब राज्य में निर्मित और पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों को ही वित्तीय प्रोत्साहन (state-backed incentives) प्रदान करेगी। यह कदम राज्य में स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने और स्वावलंबी जीरो-एमिशन इकोसिस्टम बनाने के लिए उठाया गया है।
नई नीति 14 अक्टूबर 2025 से लागू हो जाएगी और यह अगले दो वर्षों (13 अक्टूबर 2027 तक) सक्रिय रहेगी। इससे पहले जो सब्सिडी सिस्टम था, वह सभी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए उपलब्ध था, चाहे उनका निर्माण किसी भी राज्य में हुआ हो। अब बदलाव का उद्देश्य स्पष्ट है – वित्तीय लाभ सीधे उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास में योगदान करें, न कि दूसरे राज्यों में निवेश जाए।
यूपी की पुरानी EV policy (सब्सिडी) योजना
पहले उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए काफी आकर्षक सब्सिडी दी जाती थी।
- इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स: ₹5,000 तक
- इलेक्ट्रिक कार और मालवाहन: ₹1 लाख तक
- इलेक्ट्रिक बस: ₹20 लाख तक
इन सब्सिडी ने राज्य में EV अपनाने की गति बढ़ाई और छोटे शहरों व कस्बों में इलेक्ट्रिक वाहनों को आम बनाने में मदद की। FY25 में उत्तर प्रदेश ने 3.7 लाख से अधिक EV बिक्री दर्ज की, जो महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे बड़े बाजारों को भी पीछे छोड़ती है। यह आंकड़ा उपभोक्ता रुचि और पिछली नीतियों की सफलता का स्पष्ट प्रमाण है।
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सब्सिडी आवेदन और भविष्य की योजना
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 17,665 सब्सिडी आवेदन मंजूर हो चुके हैं और 38,285 आवेदन समीक्षा के लिए लंबित हैं। नई नीति के लागू होने के बाद यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने EV इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए व्यापक रणनीति बनाई है। इसमें शामिल हैं:
इलेक्ट्रिक बस नेटवर्क का विस्तार
डेडिकेटेड डिपो और चार्जिंग स्टेशन का निर्माण
औद्योगिक कॉरिडोर और लॉजिस्टिक ज़ोन में EV इन्फ्रास्ट्रक्चर का समावेश
मौजूदा बस टर्मिनलों का अपग्रेड और सार्वजनिक-निजी साझेदारी
लोकल EV उत्पादन को बढ़ावा देने का महत्व
नई नीति के तहत सब्सिडी केवल उत्तर प्रदेश में बने वाहन के लिए मिलेगी। इसका अर्थ है कि:
स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
राज्य में इंटीग्रेटेड EV वैल्यू चेन तैयार होगी – असेंबली लाइन से लेकर चार्जिंग नेटवर्क तक।
औद्योगिक और रोजगार अवसर बढ़ेंगे।
इस नीति से न केवल उपभोक्ताओं को फायदा होगा, बल्कि राज्य का आर्थिक और तकनीकी आधार भी मजबूत होगा।
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EV इन्फ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक नेटवर्क
उत्तर प्रदेश सरकार की योजना सिर्फ वाहन उत्पादन तक सीमित नहीं है। सरकार चार्जिंग नेटवर्क और बस टर्मिनलों का आधुनिकीकरण करने पर जोर दे रही है। यह कदम EV उपयोग को सहज बनाने के लिए जरूरी है।
विशेष रूप से, राज्य के औद्योगिक कॉरिडोर और लॉजिस्टिक हब में EV चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना, व्यवसायों को इलेक्ट्रिक लॉजिस्टिक वाहनों की ओर प्रेरित करेगा।
क्या अन्य राज्य करेंगे?
उत्तर प्रदेश का यह कदम एक नई रणनीति है जो स्थानीय उत्पादन और रोजगार पर केंद्रित है। अब यह देखना रोचक होगा कि अन्य राज्य भी इसी तरह की नीति अपनाते हैं या नहीं।
इस नीति से संभावित लाभ:
राज्य के उद्योग और रोजगार पर सकारात्मक असर
EV अपनाने की गति में वृद्धि
स्थानीय निर्माण और आर्थिक विकास में संतुलन
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश की नई EV नीति ने स्थानीय उत्पादन पर सब्सिडी देने का रास्ता अपनाया है। यह कदम राज्य में EV बाजार को स्थायी और स्वावलंबी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
14 अक्टूबर 2025 से लागू होने वाली यह नीति, अगले दो सालों तक सक्रिय रहेगी और पूरे उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता और उत्पादन को नया आयाम देगी।
इस नई रणनीति से यह स्पष्ट है कि सरकार न केवल पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभा रही है, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और उद्योग को भी मजबूती दे रही है।