भारत में EVs के लिए बड़ा बदलाव: AVAS सिस्टम अब अनिवार्य, जानें कैसे काम करता है

(AVAS) भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। लोग पेट्रोल-डीजल के बढ़ते खर्च और ICE वाहनों की उच्च मेंटेनेंस लागत से बचने के लिए इलेक्ट्रिक कारों और बसों की ओर बढ़ रहे हैं। EVs न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर हैं बल्कि लंबे समय में खर्च में भी कम हैं।

हालांकि, इन वाहनों की सबसे बड़ी खासियत उनकी शांति है, वही उनकी कमजोरी भी बन सकती है। इलेक्ट्रिक वाहन चुपचाप चलते हैं और कई बार पैदल यात्री, बुजुर्ग या नेत्रहीन लोग उनकी मौजूदगी समय पर महसूस नहीं कर पाते। इस चुप्पेपन से सड़क पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।

इस खतरे को कम करने के लिए सरकार ने अब AVAS (Acoustic Vehicle Alerting System) को अनिवार्य करने का प्रस्ताव पेश किया है।

AVAS सिस्टम क्या है और कैसे काम करता है

AVAS सिस्टम इलेक्ट्रिक वाहनों की चुप्पी को तोड़ता है। जब वाहन की गति 20 किलोमीटर प्रति घंटा या उससे कम होती है, या वाहन रिवर्स मोड में होता है, यह सिस्टम खुद-ब-खुद आवाज उत्पन्न करता है। इस आवाज से सड़क पर मौजूद लोग वाहन की मौजूदगी का समय पर अंदाज़ा लगा सकते हैं।

जैसे ही वाहन की गति बढ़ती है, यह सिस्टम स्वतः बंद हो जाता है, क्योंकि उस समय टायर और सड़क की आवाज पर्याप्त होती है।

दो चरणों में लागू होगा AVAS नियम

EVs me AVAS system

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने इस सिस्टम को लागू करने के लिए दो चरणों की योजना बनाई है। पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगा, जब बाजार में आने वाली सभी नई इलेक्ट्रिक कारों, बसों और ट्रकों में यह फीचर अनिवार्य होगा।

दूसरा चरण 1 अक्टूबर 2027 से पहले से चल रही सभी इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर लागू होगा। इसका उद्देश्य सड़क यातायात में पैदल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

कौन से वाहन शामिल होंगे AVAS नियम में

ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के मुताबिक AVAS सिस्टम को कैटेगरी M और N इलेक्ट्रिक वाहनों में अनिवार्य किया जाएगा। कैटेगरी M में यात्री वाहन जैसे कार और बसें शामिल हैं, जबकि कैटेगरी N में माल ढोने वाले वाहन आते हैं। इलेक्ट्रिक दो-पहिया, तीन-पहिया और ई-रिक्शा इस नियम के दायरे से बाहर रहेंगे।

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सरकार का सुरक्षा दृष्टिकोण

सरकार का यह कदम सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के लिए उठाया गया है। पैदल यात्रियों, बुजुर्गों और नेत्रहीन व्यक्तियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह सिस्टम उन्हें वाहन के आने का समय पर संकेत देगा। AIS-173 मानक के अनुसार AVAS की ध्वनि और वॉल्यूम सुनिश्चित करेगी कि यह आवाज सभी के लिए स्पष्ट और पहचानने योग्य हो।

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AVAS के अलावा और बदलाव

EVs me AVAS system

सरकार ने ट्यूबलेस टायर वाले वाहनों में स्पेयर टायर रखने की अनिवार्यता को भी हटाने का प्रस्ताव रखा है। यह बदलाव वाहन का वजन कम करने और डिजाइन को बेहतर बनाने के लिए किया गया है।

निष्कर्ष: EVs की सुरक्षा में AVAS की अहमियत

EVs पर्यावरण के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन उनकी चुप्पी सड़क पर खतरा बन सकती है। AVAS सिस्टम के जरिए यह खतरा कम होगा। अक्टूबर 2026 से नए EVs में यह सिस्टम अनिवार्य होगा और अक्टूबर 2027 तक पुराने मॉडल भी इसे अपनाएंगे। इस नियम से सड़क पर हर व्यक्ति सुरक्षित महसूस करेगा और EVs की चुप्पी अब खतरे का कारण नहीं बनेगी।

भारत सरकार का यह निर्णय इलेक्ट्रिक वाहनों की सुरक्षा और तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ा मील का पत्थर है। EVs की बढ़ती लोकप्रियता के साथ-साथ यह सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करेगा कि पैदल यात्री और सड़क पर मौजूद सभी लोग सुरक्षित रहें और हर वाहन की मौजूदगी स्पष्ट रूप से महसूस की जा सके।

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